वो इत्नी मोहब्बत से मिला, कि दिल भर आया !!
उन्का ख़्याल तो, हवा का झोंका बन कर आया !
अपनी तो कहानी थी, और उन्का दिल भर आया !!
कहते हैं, ऐसा फ़रिश्ता कभी ज़मीं पे नहीं आया !
उन्की बेवक्त कज़ा कि ख़बर सुन, दिल भर आया !!
आज हमसे, अपना आईना भी मिलने आया !
जिसकी प्यार भरी बाँहों में, दिल भर आया !!
क्यूँ किसी के, रात भर जलने का दिन है आया !
शम्मा को देख कर परवाने का, दिल भर आया !!
माज़ी आज अपने साथ, यह कहाँ ले आया !
ज़िंदगी के सफ्हे पलट कर, दिल भर आया !!
वो अपने साथ, बरसात का मौसम भी ले आया !
खुदा को आँसू बहाता देख, आज दिल भर आया !!
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